दोस्तों जैसा की आप सब जानते हो की बकरा ईद करीब है| तो इसलिए आज हमारा ये आर्टिकल बकरा ईद के ऊपर ही है| आज हम Bakra Eid Shayari, Quotes, Wishes का ऐसा Collection लेकर आये है जो आपको बेहद पसंद आएगा|
इसे share करके आप अपने किसी भी Relatives को बकरा ईद की मुबारक बाद दे सकते है| और Social Media पर शेयर भी कर सकते है| आप हमारी इन शायरी को अच्छे से पढ़े मुझे पूरी उम्मीद है की ये आपको बहुत अच्छी लगेंगी|
Bakra Eid Shayari, Quotes, Wishes
Bakra Eid Wishes
उस दिन सारी मोहब्बते
झूटी लगने लगेंगी,
जब सुनोगे
या रब्बे मुस्तफा|
कर लो गुनाह से तौबा,
अभी भी वक़्त है,
फिर मत कहना
हिसाब बहुत सख्त है!
क़ुर्बानी करने वाले को क़ुरबानी के जानवर के,
हर बाल के बदले में एक नेकी मिलती है!
बंदा जिस चीज़ से डरता है,
उससे दूर भागता है लेकिन
जब अल्लाह से डरता है तो,
उसके करीब आता है!
क़ुरबानी के जानवर से
मोहब्बत करना नेकी है|
जमीन के जिस हिस्से में आप नमाज़ पढ़ते हो
वो हिस्सा आख़िरत में आपका गवाह बन जायगा|
कितने अहसान है खुदा के हम पर
कभी पढ़कर सूरह रेहमान देखना|
छोटी ईद से पहले घर की सफाई होती है
और बड़ी ईद से पहले फ्रिज की ग्रैंड सफाई होती है|
सुबह की नींद इंसान के इरादों को
कमज़ोर करती है|
मंज़िलो को हासिल करने वाले कभी देर तक सोया नहीं करते|
क़ुरबानी के जानवर से जितनी तुम्हे मोहब्बत होगी,
तुम्हारी क़ुर्बानी अल्लाह को उतनी ही पसंद आएगी|
Bakra Eid Quotes
जानू की तलाश छोड़ कर
अब जानवर की तलाश शुरू करदी हमने!
सुकून देने वाला जब अल्लाह है,
तो मिलने वाला हर ज़ख्म
बे असर है!
सुनो ईद पर तुम खूबसूरत दिखोगी Dove से,
और में तुम्हारे
Love से!
बाकी दिनों का हिसाब रहने दो
ये बताओ ईद पर मिलने आओगे न|
काश कोई ऐसी चाँद रात हो,
एक चाँद आसमान में हो और
एक मेरे साथ हो!
गोश्त देने के बहाने आयंगे
तेरा दीदार करके जायँगे!
क़ुर्बानी का महीना है मेरी जान
आप अपनी सारी मोहब्बत मुझपर क़ुर्बान करदो!
मेरी ख्वाहिश है की इस ईद पर
हम एक रंग का जोड़ा बनाये!
काश मेरी भी मंगनी हो गयी होती
फिर मेरी भी ईदी आती!
सब्र
तहज़ीब है मोहब्बत की
लोग समझते बेज़ुबान है हम!
Bakra Eid Shayari
सर को चूम कर सवार दू तुझे
सारी उम्र भर बेइंतेहा प्यार तू तुझे|
खूबसूरत इतनी हो की तुम्हे अपना चाँद बना लू
तुम्हे देख कर ही में अपनी ईद मना लू!
जिस तरफ तू है उधर होंगी सभी की नज़रे
ईद के चाँद का दीदार बहाना ही सही|
ईद खुशियों का दिन सही
लेकिन एक उदासी भी साथ लाती है,
ज़ख्म उभरते है जाने कब कब के
जाने किस किस की याद आती है|
शायरी के पन्नो पर लिखे लफ्ज़ो की दीद मुबारक
अनजाने अनदेखे दोस्तों तुम्हे भी ईद मुबारक|
खुदा करे तुम्हे ये ईद रास आये
तुम जिसको चाहो वो तुम्हारे पास आये|
एक ईद का चाँद और तुम
Uff दोनों ही लाजवाब लगते हो|
ऐ ईद तू ज़रा जल्दी जल्दी आया कर
तेरे बहाने दो लोग गले मिल लिया करते है|
कल रात जब हमने तुझे देखा ही नहीं तो
कैसे कहे किसी को ईद मुबारक!
बिना चाँद के ईद नहीं होती,
ये बात कोई उसको समझाता
अगर वो सामने होता मेरे,
तो आज में भी ईद मनाता|
मर्द की खूबसूरती निगाह नीची रखने में है,
और औरत की खूबसूरती जवानी में पर्दा करने में है|
क़ुर्बानी उसी शक़्स की क़ुबूल की जायगी
जिसमे अल्लाह की रिज़ा शामिल हो
न की अपनी शान|
जिनका भरोसा अल्लाह हो,
उनकी मंज़िल कामयाबी है|
दुआ उस मुँह से जल्दी क़ुबूल होती है,
जिस मुँह से कही झूट नहीं निकलते है|
खुशियां मानते फिरते है सब लोग ईद की
मुझे तो आरज़ू है फ़क़त तेरी दीद की!
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